tag:blogger.com,1999:blog-3353330948759784868.post6426300627400799404..comments2024-01-04T14:18:56.305+05:30Comments on कला—मन : "रंगनाद" की समीक्षा "कला दीर्घा" मेंkala-waak.blogspot.inhttp://www.blogger.com/profile/16091493315874008558noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3353330948759784868.post-91044472138955044702021-07-19T20:50:32.475+05:302021-07-19T20:50:32.475+05:30सर जी हम लोग बहुत प्रयास करते हैं मगर यह चीजें हम ...सर जी हम लोग बहुत प्रयास करते हैं मगर यह चीजें हम लोगों तक उपलब्ध नहीं हो पाती। यद्यपि हमारा क्षेत्र ब्लैक पॉटरी के लिए विश्व प्रसिद्ध है किंतु काला पत्र-पत्रिकाओं के संबंध में अति पिछड़ा हुआ है मैंने बहुत प्रयास किया की डाक सेवा से ही उपलब्ध हो सके किंतु यह प्रयास भी असफल हो जाते हैं आप सभी से निवेदन है कि उचित मार्गदर्शन करें मैं आजमगढ़ से ज्ञानेंद्र......८२९९५३३२५२Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09422517461999069360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353330948759784868.post-63121331586891618982020-04-13T23:13:10.107+05:302020-04-13T23:13:10.107+05:30बहुत सुन्दर सर ।बहुत सुन्दर सर ।कला आंगन ।https://www.blogger.com/profile/06044927595878378152noreply@blogger.com