कला—मन
- डॉ. राजेश कुमार व्यास
Sunday, November 7, 2021
'जनसत्ता' रविवारीय में "आँख भर उमंग"
"...प्रवहमान भाषा शैली में लिखे इस यात्रा संस्मरण को पढ़ कर पाठक लेखक के साथ जैसे विचरता चलता है।...यात्राओं का कवित्वपूर्ण, रोचक वर्णन।'
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