कला—मन

- डॉ. राजेश कुमार व्यास

Tuesday, June 17, 2025

जीवन योग—संगीत

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"...पंडित रविशंकर को सुनते अद्भुत अंतर उजास पाया। तभी सहज प्रश्न उपजा था, 'संगीत में यह अलौकिक प्रभाव आप कैसे लाते हैं?' उनका ज...
Saturday, June 14, 2025

"राजस्थान इन्टरनेशनल सेंटर" में व्याख्यान...

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पंडित विश्वमोहन भट्ट जी के सान्निध्य में सुरेन्द्र पाल जोशी कला स्मृति ट्रस्ट ने स्व. जोशी की स्मृतियां संजोने की महती पहल की। युवा कला प्रद...
Saturday, May 24, 2025

दृश्य की सुगंध घुली कलाकृतियां

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पत्रिका, 24 मई 2025 कलाएं दृश्य—श्रव्य का आख्यान है। कितना—कुछ हम देखते—सुनते और पढ़ते हैं! कईं बार मन किसी खास दृश्य या पढ़े में ही अटक जात...
Tuesday, May 13, 2025

मांड माने मन की बात

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' रेशमा और शेरा ' फिल्म का एक बहुत ही प्यारा गीत है — ' तू चंदा मैं चांदनी , तू तरुवर मैं शाख रे ' । मांड ...
2 comments:
Monday, April 28, 2025

रविवारीय 'अमर उजाला' में...

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नाट्यशास्त्र का जितनी बार भी पारायण किया, कलाओं का नया कुछ पाया है। मुझे लगता है, इसके जरिए भारतीय कला की पूरी की पूरी एक शब्दावली तैयार हो ...
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डॉ. राजेश कुमार व्यास

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