पुस्तक संस्कृति' में 'कलाओं की अंतर्दृष्टि'
'...कलाओं की अंतर्दृष्टि' एक मौलिक रचना है, जिसे शब्दों की परिधि में समीक्षा के रूप में बांधा जाना संभव नहीं है। यह पुस्तक साहित्य, कला, संस्कृति आदि में रूचि रखने वाले पाठकों, शिक्षकों और शोधार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी है। पुस्तक की भाषा इतनी सहज और सरल है कि पाठक की तारतम्यता आरंभ से अंत तक बनी रहती है।"
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