चित्र और मूर्तिकला मौन की भाषा है। राजस्थान पत्रिका, 11 फरवरी, 2023
संवेदनाओं से रचा आकाश! अनुभूतियों के गान में वहां स्मृतियां झिलमिलाती है।
देशभर की कलादीर्घाओं में जाना होता है और कईं बार किसी एक कलाकृति को देखते घंटो बीत जाते हैं, फिर भी देखने से मन नहीं भरता।
पर इधर यह भी पाया है, मूर्त-अर्मूत में रंग-रेखाओं और रूपाकारों की हर ओर एकरसता है।
नये के नाम पर कुछ भी बनाने की होड़ भी इस कदर मच रही है कि विषय-वस्तु गौण हो रहे हैं।
इस दृष्टि से कुछ दिन पहले जयपुर स्थित आइसीए कलादीर्घा में राजस्थान के चौदह कलाकारों की कला प्रदर्शनी ’अनहद’ में मन जैसे मथा।...
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