ऐतरेय ब्राह्मण का बहुश्रुत मन्त्र है चरैवेति...चरैवेति. जो सभ्यताएं चलती रही उन्होंने विकास किया, जो बैठी रहीं वे वहीँ रुक गयी. जल यदि बहता नहीं है, एक ही स्थान पर ठहर जाता है तो सड़ांध मारने लगता है. इसीलिये भगवान बुद्ध ने भी अपने शिष्यों से कहा चरत भिख्वे चरत...सूरज रोज़ उगता है, अस्त होता है फिर से उदय होने के लिए. हर नयी भोर जीवन के उजास का सन्देश है.

...तो आइये, हम भी चलें...

Saturday, January 21, 2023

नृत्यांगना पद्मश्री गुलाबो से बातचीत

 दूरदर्शन के लोकप्रिय कार्यक्रम 'संवाद' में...

इस बार मशहूर नृत्यांगना पद्मश्री गुलाबो से बातचीत हुई। जिस नृत्य को हम कालबेलिया से जानते हैं, असल में वह गुलाबो का ही ईजाद किया हुआ है। सांप पकड़कर, बीन के साथ उसे नचाते करतब दिखाने वाले नाथ समुदाय से आती है—गुलाबो।...बहुत सारी बातें हुई, होती रही और धन्वन्तरी से गुलाबो बनी इस नृत्यांगना के जीवन की किताब के पन्ने दर पन्ने खुलते चले गए...










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