ऐतरेय ब्राह्मण का बहुश्रुत मन्त्र है चरैवेति...चरैवेति. जो सभ्यताएं चलती रही उन्होंने विकास किया, जो बैठी रहीं वे वहीँ रुक गयी. जल यदि बहता नहीं है, एक ही स्थान पर ठहर जाता है तो सड़ांध मारने लगता है. इसीलिये भगवान बुद्ध ने भी अपने शिष्यों से कहा चरत भिख्वे चरत...सूरज रोज़ उगता है, अस्त होता है फिर से उदय होने के लिए. हर नयी भोर जीवन के उजास का सन्देश है.

...तो आइये, हम भी चलें...

Monday, March 24, 2025

टाइम्स समूह के विश्वविद्यालय 'बेनेट यूनिवर्सिटी' में व्याख्यान

टाइम्स समूह के समाचार पत्र 'नवभारत टाइम्स' में कभी कॉलम लिखता था। 

यह जूनी बात है। सुखद लगा, जब इस समूह द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय 'बेनेट यूनिवर्सिटी' ने अतिथि लेखक के रूप में बोलने के लिए आमंत्रित किया...









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