ऐतरेय ब्राह्मण का बहुश्रुत मन्त्र है चरैवेति...चरैवेति. जो सभ्यताएं चलती रही उन्होंने विकास किया, जो बैठी रहीं वे वहीँ रुक गयी. जल यदि बहता नहीं है, एक ही स्थान पर ठहर जाता है तो सड़ांध मारने लगता है. इसीलिये भगवान बुद्ध ने भी अपने शिष्यों से कहा चरत भिख्वे चरत...सूरज रोज़ उगता है, अस्त होता है फिर से उदय होने के लिए. हर नयी भोर जीवन के उजास का सन्देश है.

...तो आइये, हम भी चलें...

Monday, October 17, 2022

'संवाद' में इस बार सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता, निर्देशक के.सी. बोकाड़ियाजी

दूरदर्शन के लोकप्रिय कार्यक्रम 'संवाद' में इस बार आप देखिए—सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता, निर्देशक के.सी. बोकाड़ियाजी से आपके इस मित्र की हुई यह अंतरंग मुलाकात। सिने जगत में उनका 50 साल का सफल पूरा हो गया है। वर्ष 1972 में निर्मित संजीव कुमार, माला सिन्हा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'रिवाज' उनकी पहली फिल्म थी। इसके बाद फिरोज खान के साथ 'चुनौती' बनाई। 'आज का अर्जुन', 'फूल बने अंगारे', 'नसीब अपना-अपना', 'प्यार झुकता नहीं' और 'तेरी मेहरबानियां' जैसी हिट फिल्मों का निर्माण उन्होंने किया है और अभी भी वह फिल्म जगत में निरंतर सक्रिय हैं। उनके 50 साला सफर पर डीडी राजस्थान पर यह खास 'संवाद' 21 अक्टूबर 2022 को रात्रि 9 बजे।



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