अमर उजाला, रविवारीय में..
पंडित रामनारायण जी का सान्निध्य निरंतर मिलता रहा। उनसे जुड़ी बहुत सी यादें—बातें हैं। उनके बिछोह के साथ ही सारंगी के भारतीय युग का अवसान हो चला है। मुझे लगता है, यह पंडित रामनारायणजी ही थे जिन्होंने सारंगी के सौ रंगों का सार समझाया। सारंगी का विरल माधुर्य रचते इसे जन— मन से जोड़ा। ...
अमर उजाला, 10 नवम्बर 2024 |
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